"भाग्य का सितारा कब चमकता है"
भाग्य सितारा तब चमकता है, जब हर सवेरे हम बीते दिन की समस्याओं और उलझनों को भूल कर आईना देखते वक्त अपने आप में एक नया व्यक्ति तलाशतें है।
वो तब चमकता है जब हमारे भीतर एक ऐसी नदी बहती है जो झरना बन कर कहीं ऊँचाई से गिरती भी है तो अगले ही पल संभल कर सपाट बहने लग जाती है। जब दुनिया हमें तोड़ने की कोशिश करती है और हम बिना हल्ला मचाये अपने जीवन ध्येय का स्मरण कर मजबूत रहने की परीक्षा में पास हो जाते हैं।
अपनी चमक फीकी नहीं पड़ने दें। अपने भीतर करुणा, सहानुभूति, साहस, धैर्य, विनम्रता जैसे मिलते जुलते सद्भावों को बनाये रखें। जरा सी भी हिम्मत टूटने लगे तो अपने जीवन के उस पल को याद करें जब आपने अपनी हिम्मत और सूझबूझ से भयंकर अशांत पानी पर बहती नाव को धैर्य और साहस नाम के दो चप्पुओं से पार लगा दिया था।
ये प्रकृति की अद्भुत व्यवस्था है कि वो हमें उन सभी सुख और दुःख वाली संवेदनाओं से साक्षात्कार कराती है जिसको उसने बनाया है। इन दोनों संवेदनाओं का मिलाजुला रूप ही वास्तविक जीवन है। आप हर छोटी छोटी बात पर टूट जाते है तो मूलमंत्र याद करें कि जीवन तो जीवन के जैसा ही रहेगा बदलना सिर्फ आपको ही पड़ेगा।
सवेरे का अखबार पढ़ने के बाद पांच मिनट आंखें बंद करके खुद को भी पढ़ लेना चाहिए। ऐसा करके आप पायेंगे कि आपके मन की लेखनी आपके लिए क्या लिख रही है, और कितना लिखना है, दुनिया को हिला देने वाले कलमतोड़ धांसू वाक्य कब और कहाँ लिखने है?
भाग्य सितारा चमकाना है तो अनवरत परिश्रम कीजिए। रोज कुछ सधे कदमों से आगे बढ़ते हुए अपने सपने वाली उस बुलंद पर्वतचोटी के नजदीक चले जाइये। कुछ मीटर दूर से आपकी आँखों में एक चमक उत्पन्न होगी।
बस उसी चमक से आप का भाग्य सितारा चमकता हुआ नजर आयेगा।
भाग्य सितारा तब चमकता है, जब हर सवेरे हम बीते दिन की समस्याओं और उलझनों को भूल कर आईना देखते वक्त अपने आप में एक नया व्यक्ति तलाशतें है।
वो तब चमकता है जब हमारे भीतर एक ऐसी नदी बहती है जो झरना बन कर कहीं ऊँचाई से गिरती भी है तो अगले ही पल संभल कर सपाट बहने लग जाती है। जब दुनिया हमें तोड़ने की कोशिश करती है और हम बिना हल्ला मचाये अपने जीवन ध्येय का स्मरण कर मजबूत रहने की परीक्षा में पास हो जाते हैं।
अपनी चमक फीकी नहीं पड़ने दें। अपने भीतर करुणा, सहानुभूति, साहस, धैर्य, विनम्रता जैसे मिलते जुलते सद्भावों को बनाये रखें। जरा सी भी हिम्मत टूटने लगे तो अपने जीवन के उस पल को याद करें जब आपने अपनी हिम्मत और सूझबूझ से भयंकर अशांत पानी पर बहती नाव को धैर्य और साहस नाम के दो चप्पुओं से पार लगा दिया था।
ये प्रकृति की अद्भुत व्यवस्था है कि वो हमें उन सभी सुख और दुःख वाली संवेदनाओं से साक्षात्कार कराती है जिसको उसने बनाया है। इन दोनों संवेदनाओं का मिलाजुला रूप ही वास्तविक जीवन है। आप हर छोटी छोटी बात पर टूट जाते है तो मूलमंत्र याद करें कि जीवन तो जीवन के जैसा ही रहेगा बदलना सिर्फ आपको ही पड़ेगा।
सवेरे का अखबार पढ़ने के बाद पांच मिनट आंखें बंद करके खुद को भी पढ़ लेना चाहिए। ऐसा करके आप पायेंगे कि आपके मन की लेखनी आपके लिए क्या लिख रही है, और कितना लिखना है, दुनिया को हिला देने वाले कलमतोड़ धांसू वाक्य कब और कहाँ लिखने है?
भाग्य सितारा चमकाना है तो अनवरत परिश्रम कीजिए। रोज कुछ सधे कदमों से आगे बढ़ते हुए अपने सपने वाली उस बुलंद पर्वतचोटी के नजदीक चले जाइये। कुछ मीटर दूर से आपकी आँखों में एक चमक उत्पन्न होगी।
बस उसी चमक से आप का भाग्य सितारा चमकता हुआ नजर आयेगा।
शब्द शिल्प:-डॉ अर्जुन सिंह सांखला
प्राचार्य-लक्की इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, जोधपुर
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