Writer | लेखक- डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी(IAS)
Publisher | प्रकाशन- Vijya Books Delhi
रेगमाल एक हिंदी कविता संग्रह है। इसमें कुल 59 कविताएं हैं।
भूमिका:-
कई दशकों से यह कहा जा रहा है कि हमारा समय कविता का समय नहीं है जबकि कविता का कोई विशेष समय नहीं होता : हर समय कविता का समय है और अक्सर कविता समयविद्ध होकर समयातीत की ओर जाती है जो एक स्वाभाविक मानवीय आकांक्षा का हिस्सा है। कई बार यह हमारे ध्यान में नहीं आता कि कविता ही वह प्रकार है जो अच्छे बुरे दिनों में हमारा साथ देती है : कविता ने मनुष्य का साथ कभी नहीं छोड़ा अगर कौशल की दृष्टि हो तो जीने का हर मुकाम, पूरा पड़ोस, लोग-बाग, पशु-पक्षी, वनस्पतियां, नदी-पर्वत, जंगल, ब्रह्मांड आदि सभी कविता में बांधे जा सकते है। कविता ने अपने लंबे इतिहास में ऐसा साहस किया है। वह साक्षी भी रही है और सहचर भी।
जितेंद्र कुमार सोनी के काव्य प्रयत्न को व्यापक संदर्भ में देखने की ज़रूरत है। उनका रेंज काफी फैला हुआ है। टटकी छबियों से लेकर गंभीर सोच-विचार और जटिल भावों तक। ऐन्द्रियों से लेकर सपाटबयानी तक। वे अपने पर्यावरण से रूप-रस-गंध उधार लेने की विनम्रता दिखाते हैं और उसके लगातार हो रहे नाश पर कविता में विलाप भी। कुल मिलाकर एक संवेदनशील व्यक्ति की चौकन्नी नागरिकता का यह संग्रह एक दस्तावेज है।
हो सकता है कि हमारा समय, दुर्भाग्य से, ऐसा हो गया हो कि वह कविता पर ध्यान नहीं देता। तब भी कविता को इस समय, उसकी विडम्बनाओं और जटिलताओं, मानवीय ऊष्मा आदि पर ध्यान देने से चूकना नहीं चाहिए। यह कविता की अनिवार्य अभिशप्त नैतिकता है और सौभाग्य से हमारे युवा कवि यह कर्त्तव्य निभा रहे हैं। जितेंद्र कुमार सोनी को उस बिरादरी में गिना जाना चाहिए।
-अशोक वाजपेयी
डॉ सोनी की कविताएं कोई बड़े-बड़े विषयों पर आधारित नहीं है। छोटी-छोटी कविताओं में बहुत गहराई है जिसे पढ़कर आपको वह अपनापन महसूस होगा जो अपनापन डॉ सोनी को अपनी माटी से। इस कविता संग्रह को पढ़कर आप यह जरूर सोच सकते हैं कि अगर इंसान के अंदर सकारात्मकता है तो हम छोटी-छोटी चीजों को सहेजकर उन्हें अपनी यादों में संजोकर, कविता में पिरोकर अलग ही आनंदानुभूति महसूस कर सकते हैं।
हम छोटी-छोटी बातों को लेकर निराश हो जाते हैं लेकिन डॉ सोनी छोटी-छोटी चीजों में आशा ढूंढ लेते हैं। अगर आप भी हर चीज में निराशा पाते हैं और यह सोचते हैं कि हर चीज को देखने का नजरिया किस तरह से बदला जाए वह सकारात्मकता कहां से लाई जाए जो एक सकारात्मक इंसान बनने के लिए हमें चाहिए वो संवेदनशीलता जो आपको औरों से अलग बनाती है।
अगर आप रेगमाल पढ़ते हैं तो अपने आप को बहुत हद तक सकारात्मक पाओगे और आपका सोचने का कुछ नजरिया जरूर चेंज होगा।
रेगमाल की कविताएं:-
1. निब
2. पसीना और शब्द
3. रेगमाल
4. स्वेटर
5. थोड़ा-सा रह गया जो
6. तुम्हारा होना
7. हौसला
8. घरोंदे,अंगारे और तारे
9. लाल डिब्बा
10. बिना हर्फ़ के
11. और दुनिया कहती है
12. बेनज़ीर
13. बहन
14. आसमान
15. समानुपाती रिश्ता
16. दामिनी-एक
17. दामिनी-दो
18. दामिनी-तीन
19. दामिनी-चार
20. दामिनी-पांच
21. इतिहास
22. शंखनाद-एक
23. शंखनाद-दो
24. लकड़हारे फिर लौट आए
25. धूप का एक टुकड़ा
26. थार थोर और थिर
27. घड़नाल, भुने चने और रोटी
28. खमेर रूज
29. रूदाली
30. सीप
31. चूल्हा
32. मश़्क
33. पर सवाल अभी जिंदा है
34. यूटोपिया
35. थार के संत
36. पिंजारे
37. मेरा परिचय
38. मिसले और मिसालें
39. आंख में अटका आंसू
40. बीरबहूटी
41. मरता हुआ आदमी
42. आशा
43. चुप्पियों के दरख़्त
44. फ़र्क़
45. मक्की भूलने वाली महिलाएं
46. बस पानी का गिरना भर ना हो
47. नकार का साहस
48. अबाबीलें
49. सीरियाई बच्चे-एक
50. सीरियाई बच्चे-दो
51. अशेष अथाह प्रेम के साथ
52. कनेर और बोगनवेलिया
53. पसीने की कद्र होने तक
54. संभावनाएं और उम्मीदें
55. चुभता है यह सच
56. बिजूके
57. अमीबा और हाइड्रा
58. वंचनाओं की प्रशस्ति
59. कीमियागिरी
रेगमाल से एक कविता:- रेगमाल
ज़िन्दगी
जब रेगमाल हो जाती है
तो ख़याल खुरदुरे,
सवाल कुंद
और इरादे बुलंद हो जाते हैं
इस बुलंदी तक
क़द करने में
पसीना बहाने से लेकर
जिस्म बेचने
या ज़मीर और रहन रखने तक
मजबूरियां,
जरूरतें
और हसरतें
सिखा जाती हैं
बहुत कुछ।
रंगदार होने से तो
रेगमाल हो जाना
हमेशा अच्छा होता है।
लेखक के बारे में:-
डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी
जन्म:- 29 नवम्बर 1981 हनुमानगढ़ (राजस्थान) के धन्नासर गांव में।
वर्तमान में नागौर जिले में बतौर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट पद पर कार्यरत हैं।
डॉ. जितेंद्र सोनी जी की अन्य कृतियां:-
१. उम्मीदों के चिराग (काव्य-संग्रह)
२. यादावरी(डायरी)
३. रणखार(राजस्थानी काव्य संग्रह) रणखार के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिल चुका है।
४. एडियोस(कहानी संग्रह)
५. पंजाबी के मशहूर कवि हरिभजन सिंह 'रेणू' के काव्य संग्रह का पंजाबी से राजस्थानी में अनुवाद।
६. रस्किन बांड के साहित्य अकादमी से पुरस्कृत अंग्रेजी कहानी संग्रह का राजस्थानी में अनुवाद।
७. डॉ मनमोहन सिंह के साहित्य अकादमी से पुरस्कृत पंजाबी उपन्यास निर्वाण का हिंदी अनुवाद।
८. केंद्रीय और राज्य सेवा के प्रशासनिक अधिकारियों की हिंदी कविताओं के संग्रह कविता परस्पर और शिक्षा विभाग राजस्थान के लिए हिंदी काव्य संग्रह शब्दों की सीप का संपादन।
डॉ सोनी लेखन के अलावा फोटोग्राफी साइकिलिंग और घुमक्कड़ी करते हैं।
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